जय श्री राम

अंतर्राष्ट्रीय हिंदू सेना, जिसका मुख्यालय नई दिल्ली स्थित है, एक गैर-लाभकारी संगठन है, जिसकी शाखाएँ उत्तर प्रदेश समेत पूरे भारत में फैली हुई हैं, जो हिंदू समुदाय के कल्याण और उत्थान के लिए समर्पित है। हमारा मिशन लगभग 40,000 हिंदू मंदिरों की दुखद वास्तविकता पर प्रकाश डालना और भारत में शुरुआती विदेशी आक्रमणों के बाद से हिंदुओं पर हुए अनगिनत अत्याचारों पर प्रकाश डालना है। हमारी प्राथमिकता इस्लामीकरण व शरिया कानून के कार्यान्वयन का विरोध करना, लव जिहाद और भारतीय संदर्भ में इस्लामी चरमपंथ का मुकाबला करना है। अंतर्राष्ट्रीय हिंदू सेना एक सतर्क अभिभावक के रूप में खड़ी है, जो भारत की संप्रभुता और सनातन धर्म की पवित्रता के लिए खतरा पैदा करने वाले किसी भी व्यक्ति या इकाई को उजागर करने, विरोध करने और कानूनी कार्रवाई करने के लिए तैयार है। हमारा संगठन पूरे भारत में अपनी शाखाओं के माध्यम से अथक प्रयास करता है, जिसका लक्ष्य हिंदू समुदाय के लिए एक सामंजस्यपूर्ण और सशक्त वातावरण बनाना है। अंतर्राष्ट्रीय हिंदू सेना केवल एक संगठन नहीं है; यह एक सामूहिक आवाज़ है जो हिंदू समुदाय की चिंताओं और आकांक्षाओं को प्रतिध्वनित करती है। अपने बहुमुखी दृष्टिकोण के माध्यम से, हमारा लक्ष्य हिंदुओं के हितों की रक्षा, भारत के सांस्कृतिक ताने-बाने को संरक्षित करने और देश-विदेश में समुदाय के समग्र कल्याण और उत्थान में योगदान करने के लिए संवाद, शिक्षा और कार्रवाई के लिए एक मंच बनाना है।

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अंतर्राष्ट्रीय हिंदू सेना, जिसका मुख्यालय नॉएडा व प्रदेश कार्यालय “महाकाल भवन” ब्रम्ह नगर, कानपुर स्थित है। हमारा संगठन एक गैर-लाभकारी संगठन है, जिसकी शाखाएँ पूरे भारत में फैली हुई हैं, जो हिंदू समुदाय के कल्याण और उत्थान के लिए समर्पित है। अंतर्राष्ट्रीय हिन्दू सेना विदेश में भी कई बार चर्चा का विषय बन चुकी है। हमारा मिशन लगभग 40,000 हिंदू मंदिरों की दुखद वास्तविकता और भारत में शुरुआती विदेशी आक्रमणों के बाद से हिंदुओं पर हुए अनगिनत अत्याचारों पर प्रकाश डालना है। हमारी प्राथमिकता इस्लामीकरण व शरिया कानून के कार्यान्वयन का विरोध करना, लव जिहाद और भारतीय संदर्भ में इस्लामी चरमपंथ का मुकाबला करना है। अंतर्राष्ट्रीय हिंदू सेना एक सतर्क अभिभावक के रूप में खड़ी है, जो भारत की संप्रभुता और सनातन धर्म की पवित्रता के लिए खतरा पैदा करने वाले किसी भी व्यक्ति या इकाई को उजागर करने, विरोध करने और कानूनी कार्रवाई करने के लिए तैयार है। हमारा संगठन पूरे भारत में अपनी शाखाओं के माध्यम से अथक प्रयास करता है, जिसका लक्ष्य हिंदू समुदाय के लिए एक सामंजस्यपूर्ण और सशक्त वातावरण बनाना है। अंतर्राष्ट्रीय हिंदू सेना केवल एक संगठन नहीं है; यह सभी हिन्दू सैनिकों की  सामूहिक आवाज़ है जो हिंदू समुदाय की चिंताओं और आकांक्षाओं को प्रतिध्वनित करती है। अपने बहुमुखी दृष्टिकोण के माध्यम से, हमारा लक्ष्य हिंदुओं के हितों की रक्षा, भारत के सांस्कृतिक ताने-बाने को संरक्षित करने और देश-विदेश में समुदाय के समग्र कल्याण और उत्थान में योगदान करने के लिए संवाद, शिक्षा और कार्रवाई के लिए एक मंच बनाना है।

मुख्य पदाधिकारी तालिका

(कॉल करने हेतु नाम पर क्लिक करें)

नाम पद
परमाध्यक्ष
राष्ट्रीय महामंत्री
प्रदेश अध्यक्ष
प्रदेश अध्यक्ष (महिला शाखा)
अनूप भारद्वाज
राष्ट्रीय उपाध्यक्ष
शैलेन्द्र सिंह
राष्ट्रीय उपाध्यक्ष
सुरेश चंद्र शर्मा
राष्ट्रीय संगठन मंत्री
डॉ० सुनील शर्मा
अध्यक्ष पश्चिम उत्तरप्रदेश
विनय शर्मा
प्रदेश उपाध्यक्ष उत्तरप्रदेश
संजय चौहान
राष्ट्रीय महासचिव

महंत श्री आदित्य कृष्ण गिरि

महंत श्री आदित्य कृष्ण गिरि का जन्म 3 मार्च 1980 को फाल्गुन पूर्णिमा की रात उत्तर प्रदेश के बांदा जिले के एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था, 4 वर्ष की आयु में ही उनकी माता का निधन हो गया था, वे अपने माता-पिता की इकलौती संतान थे। उनके पिता ने उनका पालन-पोषण बहुत अच्छे से किया। महंत श्री आदित्य कृष्ण गिरि का बचपन का नाम आनंद था, वे अपने जीवन में अपनी दादी से काफी प्रभावित थे, जो कि बहुत आध्यात्मिक और शिक्षित महिला थीं, उन्हें रामचरितमानस और गीता जैसी पवित्र पुस्तकों का बहुत शौक था। उनकी दादी के आध्यात्मिक ज्ञान और दर्शन का उन पर गहरा प्रभाव पड़ा और महंत जी भी धर्मग्रंथों के अध्ययन में रुचि लेने लगे। बचपन से ही उनकी रुचि आध्यात्मिक जीवन में थी; वह विशेष रूप से संतों, योगियों और ऋषियों की संगति में रहने के लिए उत्सुक थे….पूरा पढ़ने हेतु क्लिक करें

श्री जयकांत कुमार वत्स

‘एन आर्ट ऑफ बेस्ट लिविंग’ के फॉउंडर और अंतर्राष्ट्रीय हिन्दू सेना के अंतर्राष्ट्रीय संगठन महामंत्री समाज सेवी श्री जयकांत कुमार वत्स का जन्म 11 मार्च 1981 को फाल्गुन चतुर्दशी शिव रात्रि की रात बिहार प्रदेश के औरंगाबाद जिले के एक भूमिहार ब्राह्मण परिवार में हुआ था। कम आयु से ही भगवान का भजन संगीत गाना और जरूरतमंदों की मदद व सेवा करना और फुटबॉल खेलना उन्हें बहुत पसंद था। 
कई दफा उन्होंने जरूरतमंदों की मदद करने हेतु सीमा लांघ दी जिस कारण उन्हें अपने माता- पिता से बहुत डाट लगती थी। उन्हें उनके फुआ के घर पढ़ने के लिय भेज दिया गया था….आगे पढ़ने हेतु क्लिक करें 

श्री मनोज शुक्ला 'महाकाल'

पं० मनोज कुमार शुक्ला ‘महाकाल’ (एडवोकेट) का जन्म एक प्रतिष्ठित व्यापारी  परिवार में हुआ था। इनके नाना स्टेट विशुनगढ़, कन्नौज के राजा थे। आप महानगर कानपुर में निवास कर अपने व्यापार व संगठन के दायित्व का निर्वाह कर रहे हैं।

२८ फरबरी १९७१ को जन्में पं० मनोज शुक्ला छात्र जीवन से ही राजनीति में सक्रिय रहे। उन्होंने बीकॉम व एलएलबी की शिक्षा संपूर्ण की। कानपुर विश्व विधायलय छात्र संघ चुनाव में उपाध्यक्ष का चुनाव लड़ा, 1998  छिबरामऊ में क्षेत्र पंचायत सदस्य रहे, २००२ मे विधूना विधान सभा से लोकतांत्रिक कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ा, विभिन्न राजनैतिक दलो मे प्रदेश मे पदाधिकारी रहे एवं शासन की राज्य एवं मंडल स्तरीय कमेटीयो मे भी सदस्य रहे व मंत्रियो के प्रतिनिधि रहे। वर्तमान मे मंडली एवं जिला उघोग बन्धु एवं व्यापार बन्धु मे सदस्य, उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार संगठन मे प्रदेश मंत्री के पद पर हैं। इसके साथ ही वे कई धार्मिक एवं सामाजिक सांस्कृतिक संगठनों में कार्य करते हुए समस्यायों के लिए संघर्ष रत रहते है। आपने कम आयु होते हुए भी राम जन्म भूमि आन्दोलन मे भी सक्रिय भूमिका निभाई। कोरोना महामारी के समय अनवरत १२१ दिन राशन किट/जूस/बना भोजन/पानी/मास्क/पशुओ को चारे का वितरण किया था। सेवा कार्य के दौरान वे स्वयं भी महामारी की चपेट में आ गए थे। वे कई सामाजिक संगठनो मे भी पदाधिकारी एवं संरक्षक है। 
पं० मनोज शुक्ला महाकाल के असीम भक्त हैं। १९८८ से लगातार स्वयं एवं लोगो को महाकाल प्रभु के दर्शन करा के लोगो को महाकाल से जोड़ रहे है तभी लोगों ने स्नेह मे नाम के साथ ‘महाकाल’ उपनाम जोड़ दिया है जिससे आज वह जाने जाते है। 

श्रीमती पारुल सिंह

श्रीमती पारुल सिंह कई प्रमुख सामाजिक संस्थाओं से जुडी हैं व धार्मिक आयोजनों में सर्वथा आगे रहती हैं। आप परास्नातक होने के साथ अर्न्तराष्ट्रीय स्तर की एक बड़ी धार्मिक ,सामाजिक एवं सांस्कृतिक आयोजन कराने वाली कंपनी की स्वामिनी हैं…आगे पढ़ने हेतु क्लिक करें 

अंतर्राष्ट्रीय हिन्दू सेना क्या है?

अंतर्राष्ट्रीय हिन्दू सेना वह संगठन है जो सदा हिन्दू मान बिन्दुओ (मठ , मन्दिर, गौ रक्षा, राष्ट्र रक्षा , धर्मं रक्षा) की रक्षार्थ हेतु सदैव प्रथम पंक्ति में पाया जाता है।

अंतर्राष्ट्रीय हिन्दू सेना का उद्देश्य क्या है?

सभी देशवासियों के ह्रदय में राष्ट्र के प्रति प्रेम भावना जागृत करना और घर-घर हिन्दू सैनिकों की फौज तैयार करना ही अंतर्राष्ट्रीय हिन्दू सेना का उद्देश्य है।

अंतर्राष्ट्रीय हिन्दू सेना का राजनीति से क्या सम्बन्ध है?

अंतर्राष्ट्रीय हिन्दू सेना एक अराजनीतिक संगठन है परंतु जो भी राजनितिक संगठन “राष्ट्र सर्वप्रथम” की भावना या जिसकी विचारधारा हमारे संगठन से मिलती हो उसका समर्थन करता।

क्या अंतर्राष्ट्रीय हिन्दू सेना संगठन समुदाय विशेष का विरोध करता है?

अंतर्राष्ट्रीय हिन्दू सेना किसी समुदाय विशेष का विरोध नही करता अपितु उस व्यक्ति या समुदाय का विरोध करता है जो सनातन धर्मं या राष्ट्र के प्रति द्रोह फेलाने का प्रयत्न करता हो।

अंतर्राष्ट्रीय हिन्दू सेना से किस जाती या समुदाय के व्यक्ति जुड़ सकते है?

अंतर्राष्ट्रीय हिन्दू सेना राष्ट्रवादी हिन्दूओ का संगठन है अतः यह जातिवाद का पूर्ण रूप से तिरस्कार करता है। इस संगठन से किसी भी समुदाय के व्यक्ति जुड़ सकते है बशर्त है की व् व्यक्ति हमारी विचारधारा का हो। 

क्या अंतर्राष्ट्रीय हिन्दू सेना भारत को हिन्दू राष्ट्र बनाना चाहता है?

भारत पहले ही एक हिन्दू राष्ट्र है बस अंतर्राष्ट्रीय हिन्दू सेना का उद्देश्य लोगो में इसकी भावना पैदा करना व संविधान के अनुसार हिन्दू राष्ट्र की घोषणा कराना है। 

इस संगठन मे कितनी शाखाएं एवं प्रकल्प है?

अंतर्राष्ट्रीय हिन्दू सेना संगठन में मुख्य शाखा, महिला शाखा, युवा शाखा, आध्यात्मिक एवं संत समन्वय शाखा, प्रबुद्ध प्रकल्प(डाक्टर प्रोफेसर ,रिटायर प्रशासनिक अधिकारी एवं अन्य प्रबुद्धजन), व्यापार प्रकोष्ठ, विधिक प्रकोष्ठ(अधिवक्ता एवं विधि छात्र), संस्कृति एवं खेल कूद प्रकोष्ठ, भू० पू० सैनिक प्रकोष्ठ है।